". नमक जितने जरूरी है आप

नमक जितने जरूरी है आप

कुछ लोग जिंदगी में नमक जितने जरूरी होते हैं हां सही कह आपने नमक एक छोटा सा शब्द छोटे से पैकेट में आने वाला सफेद रंग का यह नमक अगर ना हो तो कोई भी अच्छे से अच्छा खाना बेस्वाद हो जाता है बस ऐसी ही होती है कुछ लोगों की कीमत अपनी जिंदगी में कि अगर वह ना हो तू कितने भी अच्छे लोगों को कितने भी रिश्तेदार हमारे साथ क्यों ना हो पर मेरे को सबसे नहीं होता है जिसकी कीमत हमारे लिए नमक जितनी होती है सब कुछ अधूरा लगता है सुनने में छोटा जरूर है पर विना इसके ना तू जिंदगी में नहीं खाने में कोई स्वाद है हालांकि जीवन में सारी चीजों का तालमेल से बहुत जरूरी होता है कोई भी चीज अधिक मात्रा में होएगी तो चीजें अनियंत्रित हो जाएंगी। बहुत जरूरी होता है इस नमकीन और मीठे का तालमेल जिंदगी में मीठा ज्यादा हो तो डायबिटीज होने का खतरा और नमक ज्यादा हो तो बीपी बढ़ने का खतरा दोनों ही चीजें जरूरी होती है पर फिर भी सोच कर देखिए तो ज्यादातर जरूरत हमें नमक की पड़ती है क्योंकि मीठा खाकर अक्सर दांत में दर्द या सर में दर्द की शिकायत हो जाती है बस ऐसे ही होते हैं कुछ रिश्ते जो आस पास रहते हैं तो सुकून देते हैं जिंदगी को पूरा होने का एहसास दिलाते रहते हैं 


और कुछ रिश्ते, और कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जो देखने में तो बहुत मीठे होते हैं पर अंदर से उतने ही कढ़्वे ,


कुछ रिश्ते नमक की तरह होते हैं जो थोड़ा सा आपका बीपी जरूर हाई करेंगे पर आपका स्टैमिना आपकी ताकत को कमजोर नहीं पड़ने देंगे ।क्योंकि नमक के बिना आप हमेशा कमजोर ही महसूस करेंगे चलो एक छोटी सी कहानी सुनाती हूं 


एक राजा था जिस की 4 बेटियां थी चारों बेटियां अब बड़ी हो चुकी थी समझदार हो चुकी थी राजा ने 1 दिन उन चारों बेटियों को एक साथ बुलाया और पूछा बताओ कि तुम लोगों के लिए मेरी अहमियत क्या है अगर मैं ना रहूं तो तुम लोगों को कैसा महसूस होगा इस पर सारी बच्चियों ने जवाब देना शुरू करो बड़ी बेटी ने कहा पिताजी आप हमारे लिए भगवान के समान है राजा खुशी से फूले नहीं समाए दूसरी बेटी ने कहा आप हमारे सब कुछ हैं आप हमारे लिए आसमान की तरह हैं तीसरी बेटी ने कहा आपके बिना हम अपने आप की कल्पना भी नहीं करते हैं जो कुछ भी है सब कुछ आपका ही तो दिया हुआ है आपकी अहमियत हमारे लिए साक्षात ईश्वर जैसी है छोटी बेटी से पूछा तो उसने कहा पिताजी आप की अहमियत मेरी जिंदगी में नमक जितनी है राजा को यह सुनकर आश्चर्य हुआ और उसने सोचा कि जहां मेरी तीन बेटियां मुझे इतना प्यार करती हैं और मेरी तुलना इतनी महान चीजों से कर रही है वही मेरी छोटी बेटी ने मुझे इतना कुछ समझा और मेरी तुलना नमक से करें राजा ने मन में ठान लिया और राजा ने निर्णय लिया कि वह स्वयंबर करवाएगा। और सिर्फ तीन बेटियों के लिए उसने मन ही मन सोचा कि वह अपनी तीन बेटियों का विवाह बड़े राजघराने में करेगा और छोटी बेटी के विवाह के लिए उसने एक किसान को चुना परंतु छोटी बेटी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी ।

बस उसने अपने पिता से बोला कि वह आपके लिए आपके पसंद के सारे व्यंजन बनाना चाहती है

 राजा ने सोचा इसमें कौन सी बड़ी बात है ठीक है बना लो छोटी बेटी ने बड़े ही प्यार से बड़े ही शौक से अपने पिता के पसंद के सारे लजीज व्यंजन बनाए खाने का समय हो चुका था 


उसके पिता खाने की मेज पर आकर बैठ चुके थे साथ ही साथ बैठ चुकी थी उनकी तीन बेटियां राजा की पत्नी खाना प्रारंभ हुआ और यह क्या राजा ने जैसे ही पहला निवाला खाया और देखा  कि खाने में तो नमक ही नहीं है राजा को बड़ा क्रोध आया उसने पूछा यह क्या मजाक है अगर तुमको खाना बनाना नहीं आता था तो तुम ने यह जिम्मेदारी क्यों ली बेटी बोली माफ करिएगा पिताजी पर मुझसे गलती क्या हुई है पिता ने कहा तुमने बेशक बहुत सारे व्यंजन बनाए हैं पर तुम ने सारे व्यंजनों में नमक डालना उचित क्यों नहीं समझा या तुम भूल गई थी क्या तुमको नहीं पता कि नमक के बिना यह सारे व्यंजन बेकार है बेस्वाद है पिता की बात  सुनकर छोटी बेटी ने बड़े ही शालीनता से उत्तर दिया पिताजी जब नमक के बिना यह व्यंजन बेकार  है तो सोचिए आपके बिना मेरा जीवन कैसा क्या होगा शायद राजा को अपनी गलती का एहसाास हो उसने अपनी बेटी को गले से लगा  लििया ।

राजा को एहसास हो चुका था कि उसकी छोटी बेटी ने कम शब्दों में एक बड़ी और गहरी बात कही थी ठीक इसी तरह से हमारी भी जिंदगी में कुछ लोगों की अहमियत नमक जितनी ही होती है अब कौन से लोग हैं यह तो आपको पहचानना होगा तो कुछ नहीं है और ढेर सारी

रखी मिठाइयों के बीच में से उस नमक को पहचानिए जो आपकी ताकत बन के आपके साथ चले 

जय बाबा भोलेनाथ

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