". Teacher's day 2020

Teacher's day 2020



टीचर्स डे का महत्व और उसको महसूस करके को खुशी मिलती है वो हर स्टूडेंट और हर टीचर समझ सकता है एक स्टूडेंट ही  आगे चलकर जब टीचर बनता है तो उसे उन दोनों खुशियों का अंदाजा मिलता है जो उसने कभी अपने शिक्षकों के लिए तैयारी करके और उन्हें दी थी।


हम सबको पता है कि इस दिन कि शुरुआत क्यों और कैसे हुई पर समय समय पर चीजे दोहराने में भी अच्छा लगता है जैसे आपका बर्थडे हो और सब आपको विश करे और आप फिर से साल में एक बार केक काटते है और अनेकों अनेक बधाई आपको मिलने लगती है तो चलिए फिर से जान लेते है हम की क्यों शुरू हुआ हमारा ये अनमोल दिन।

कैसे हुई थी शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत?

वैसे तो देखा जाय तो हमारी माए ही हमारी सबसे पहली गुरु होती है और उनको ही मै सबसे पहले इस दिवस को शुभकामनाए देती हूं क्योंकि निश्चित रूप से जिस महान हस्ती ने इस दिन की शुरुआत की उनको भी निखारने में उनकी मा का ही योगदान रहा होगा तो सर्वप्रथम उन माओ को इस दिवस को अनेकों अनेक बधाइयां।

एक बार छात्रों के एक समूह से भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन से उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति मांगी . इस पर डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपना जन्मदिन अलग से मनाने के बजाय, 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो यह मेरे सौभाग्य की बात होगी. उसके बाद 1962 से भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.डॉ. राधाकृष्णन का जन्म एक मध्य वर्गीय परिवार में हुआ था. ऐसा माना जाता है कि राधाकृष्ण के पिता चाहते थे कि उनका बेटा अंग्रेजी ना सीखे और मंदिर का पुजारी बन जाए. डॉक्टर राधाकृष्णन अपने पिता की दूसरी संतान थे. उनके चार भाई और एक छोटी बहन थी छः बहन-भाईयों और दो माता-पिता को मिलाकर आठ सदस्यों के इस परिवार की आय बहुत कम थी. भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन को बचपन में कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का शुरुआती जीवन तिरुतनी और तिरुपति जैसे धार्मिक स्थलों पर ही बीता. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के ज्ञानी,एक महान शिक्षाविद,महान दार्शनिक,महान वक्ता होने के साथ ही विज्ञानी हिन्दू विचारक भी थे. राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में बिताए.

तो यह तो बात हुई कि कैसे शुरू हुआ और किसने शुरू किया था।चीजे कितनी ही क्यों ना बदल जाय पर कुछ चीजे हमेशा पहले कि तरह मनाने में को खुशी मिलती है वो आज कि आधुनिकता में नहीं होती है

आप सभी को पाठशाला कि तरफ से शिक्षक दिवस की शुभकामनाए❤️❤️❤️❤️❤️





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