". ( our changes)today's fashion

( our changes)today's fashion




एक लड़की नोएडा में अपने मां  पापा के साथ रहती थी पापा की पोस्टिंग वही थी तो वह  भी कुछ टाइम उनलोगो के साथ ही थी ये उसका  पहला दिन था वहां पर उसे कुछ खास पसंद नहीं आ रही थी वो जगह पर फिर वही  उसे जगह का क्या उसे तो मां पापा के साथ रहने से मतलब था, धीरे धीरे कुछ दिन और फिर महीने बीत गए वो वैसी की वैसी ही रही ,
वही सेवेंथ फ्लोर , वही सुबह वही शाम इतना समय हो जाने के बाद भी उसकी  वहां किसी से दोस्ती नहीं हो पाई थी 

, फिर एक दिन सामने की बिल्डिंग में रहने वाली आंटी ने अपने बेटे के बर्थडे पर उन सबको इनवाइट किया टाइम के अनुसार वो अपनी मा के साथ  वहां पहुंच गई।

 शाम का 7:00 बजा हुआ था और वहां पर छोटे-छोटे बच्चे बड़े सब खाने-पीने बातें करने में व्यस्त थे वो क्योंकि अभी भी नयी
थी वहां पर तो वो  किसी से इतनी बात नहीं कर रही थी फिर कुछ ही मिनटों में छोटे बच्चे की बहन आ गई  जिसका बर्थडे था वो  हॉल में आती है और उनके कपड़ों को देखकर उसकी तो आंखें खुली की खुली रह गई वह क्या था ना वो ठहरी सामान्य से शहर से  तो उसका दंग हो ना तो बनता था ऐसा पहनावा देखकर फिर भी उसने  अपने ध्यान को एकाग्र करते  हुए पार्टी की ओर अपना पूरा फोकस झोंक दिया । 

थोड़ी देर बाद केक कट चका था और उन लोगो ने भी  खाना खाकर अपने घर की तरफ जाने की तैयारी कर ली थी तभी उन्हीं लड़कियों में से एक लड़की ने उसकी  तरफ हाथ हिलाया और बोली तुम पहली बार अाई  हो लगता है यहां पर उसने  हां कहा और उसने हस कर कहा तभी तुम सूट में हो, फिर उसने उसका नाम पूछा उसने अपने नाम को बताते हुए बोला कि अब मुझे चलना चाहिए क्योंकि मेरी मम्मी आगे जा चुकी हैं उसने बोला ठीक है

रात के अब १ बज चुके थे , यह पहली बार था कि उसे नींद नहीं आ रही थी वहां पर तो वह कमरे से निकलकर लॉन की तरह जाकर बैठ गई सामने की तरफ उसकी नजर गई  तो उसने देखा वह लड़कियां अभी भी ऊपर फ्लोर में पार्टी कर रही थी गा रही थी और तेज तेज चिल्ला रही थी तभी एक कांच की बोतल तेजी से नीचे गिरती है और लगभग लगभग एक कुत्ते को लगने से बची इस पर एक लड़की ने चिल्लाकर बोला उस कुत्ते को आज तो तुम्हें भी पीने को मिल गई वो बहुत शॉक्ड थी ये क्या ये लड़कियां तो पीती भी है ,

शायद ये यह फैशन है आजकल का  जो लोग अश्लीलता को फैशन और गंदी आदतों को ट्रेंड का नाम दे देते हैं और बहुत खुश होते हैं अपनी इन आदतों के बारे में बताकर खैर क्या फैशन के नाम पर जब तक आधी टांगे या आदि पीठ नहीं दिखती है तब तक फैशन पूरा नहीं माना जाता है और जो बची कुची कमी होती है वह शराब पीकर पूरी कर ली जाती है


मैंने कभी भी सोनिया गांधी ,प्रियंका गांधी,प्रतिभा पाटिल और उनके जैसी और भी कई लोग को फैशन के नाम पर आधे वस्त्रों में नहीं देखा है

आपने वह कहावत सुनी है अधजल गगरी छलकत जाय

जी हा आधा अधूरा ज्ञान आधा अधूरा इंसान हमेशा पंख फड़फड़ा क्या है 

आपने कभी 500 हजार 2000 के नोटों को शोर करते हुए सुना है नहीं सुना होगा पर आपने जो खुले पैसे होते हैं 5,10, 1,2 के सिक्कों को हमेशा शोर करते हुए सुना होगा जितना पढ़ा लिखा और मानसिक रूप से विकसित इंसान होता है उतना ही सहज और साधारण सुलझा हुआ होता है और जो लोग खुले पैसों की तरह शोर करते हैं वह अक्सर जरा सा गिरने पर दूर-दूर तक बिखर जाते हैं


 यही खासियत होती है सहज सुलझे और साधारण इंसान में पर आजकल तो हर इंसान मॉडर्न हो चुका है
पर यह मॉर्डन इंसान और भी ज्यादा उलझा हुआ है अपनी ही बनाई हुई परेशानियों में उदाहरण के लिए आधे से ज्यादा लड़कियों की समस्या यह होती है कि उनके पास कपड़े नहीं है उससे भी बड़ी समस्या होती है कि उनके पास कपड़े रखने की जगह भी नहीं है मुझे ज्यादा कुछ विस्तार है बताने की जरूरत नहीं है
ये आधुनिकता उस हद तक ठीक होती है जहां आपको असेहज ना महसूस हो, और जब आपको आधुनिकता के नाम पर असहजता महसूस होने लगे तो समझ लीजिए की आप उन चीजों के लिए नहीं बने हैं जिन्हें आप किसी की देखा देखी धारण करना चाहते हैं आप वही रहिए जो आप थे मानसिक विचारधारा बदलना सही होता है क्योंकि मानसिक विचारधारा का परिवर्तन एक जरूरी परिवर्तन होता है 

जैसे- ठंड में कपड़े पहनना यह एक मानसिक परिवर्तन की विचारधारा का उदाहरण है अगर पुराने समय से चले आ रहे आदिमानव वाले तौर-तरीकों को हम भी अपनाते तो आज उन्हीं की तरह हम भी आधे वस्त्रों में या पत्तों से खुद के शरीर को ढक रहे होते पर यह सकारात्मक मानसिक विचारधारा का एक उत्तम उदाहरण है जो सभी के लिए जरूरी होता है बदलाव अगर किसी अच्छी चीज के लिए होता है तो वह बदलाव हमेशा अच्छे परिणाम ही देता है कुछ चीजें कभी नहीं बदलती हैं और वह फिर भी हमेशा की तरह सुंदर ही लगती हैं जैसे मैंने कभी नहीं देखा है समंदर को बदलते हुए और उसको देखकर वही सुकून हमेशा मिलता है नदी हमेशा अपनी लय में बहती रहती है वह दूसरों की देखा देखी अपना रास्ता नहीं बदलती है कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो बदलाव के लिए बनी ही नहीं होती हैं और अगर उनमें हम जबरदस्ती बदलाव करना चाहते हैं तो उनके परिणाम हमेशा खतरनाक होते हैं और उसका जीता जागता उदाहरण आज 2020 में चल रही बीमारी है














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