". Faith....a true story of lord Kanha ji

Faith....a true story of lord Kanha ji



आज जो मै यहां बताने जा रही हूं वो पूरी तरह सत्य घटना पर आधारित  है और बहुत पुरानी बात भी नहीं बस कुछ महीने पहले की बात है 


बात है मार्च २०२० जब हमारे भारत के प्रधानमंत्री जी ने कोरोना के चलते पूरे देश में लॉक डाउन को घोषित कर दिया था ऐसी स्थिति में बहुत से लोगों को बहुत ही सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा जिसमें स्त्री पुरुष बच्चे सभी समान रूप से प्रभावित हुए कई लोग तो उसी स्थान पर ही फस कर रह गए जहां वह अपने घर की रोजी रोटी कमाने के उद्देश्य से गए थे



 ऐसा ही कुछ हुआ दिल्ली में रहने वाली एक लड़की के साथ में जिसके माता-पिता राजस्थान के रहने वाले हैं अचानक से हुए इस लॉकडाउन की वजह से एक लड़की जो दिल्ली जैसे शहर में नौकरी करने के उद्देश्य से रहने गई थी पर इस आनन-फानन की स्थिति में वह भी अन्य लोगों की भांति वहां फस गई स्थिति यह थी की कोरोना के चलते कई लोगों ने हर जगह हाथ पैर मारे ताकि वह अपने घरों को सुरक्षित पहुंच सके हैं पर कड़ी कार्यवाही और भयानक संक्रमण के चलते यह संभव ना हो सका ऐसे में उस लड़की के माता-पिता जो राजस्थान में रहते हैं विचलित हो गए उन्होंने कोशिश बहुत की अपनी इकलौती बेटी को घर पर वापस लाने की पर सारी कोशिशें नाकाम हो गई अंततः उन्होंने अपनी परेशानी को अपने कान्हा को बताइए जिनके ऊपर उन्हें अटूट विश्वास और निरंतर श्रद्धा है उस बच्ची की मां ने अपने कन्हैया से कहा कान्हा हम तो पूरी कोशिश कर चुके अपनी बिटिया को घर लाने की अब आप ही देखो कि क्या हो सकता है और आगे जो मैं बताऊंगी उसको पढ़ कर निश्चित रूप से आपके भी मन में एक अटूट विश्वास जाग उठेगा

कान्हा से अपनी बात कहने के बाद उसकी मां अपने अन्य कामों में लग गई इसी बीच लड़की का फोन मां के पास आता है कि उसकी तबीयत खराब हो गई है और कोरोना के चलते वह कहीं बाहर जाने से भी डर रही है इसलिए उसने पास के ही मेडिकल स्टोर से दवा लाकर खाना शुरु कर दिया मां और पिता दोनों ही बेटी की हालत पर परेशान होते थे 2 दिन बीत चुके थे तभी जिस फ्लैट में बैठी रहती थी उस फ्लैट की घंटी दोपहर के 1:00 बजे बजती है लड़की कुछ देर बाद गेट खोलतीहै तो सामने देखती है एक व्यक्ति एक स्त्री के साथ में खड़ा हुआ है दोनों ही बड़े शांत स्वभाव से उसको देखते हैं और पुरुष जो कि लगभग उसकी पिता की उम्र का रहा होगा उसको कहता है बेटा सरकार की तरफ से यह सुविधा चलाई गई है कि जो जहां फंसा हुआ है उसको उसके घर तक छोड़ दिया जाए लड़की की तबीयत खराब थी इस वजह से उसे समझ नहीं आ रहा था कि यह क्या हो रहा है फिर भी उसने सावधानी बरतते हुए कहा की पर आप हैं कौन मैं तो आपको नहीं जानती हूं और ऐसे कैसे मैं आप पर विश्वास कर लूं कि आप सरकार की तरफ से भेजे गए कोई कर्मचारी हैं इस पर उस पुरुष ने कहा बेटा यह जो साथ में है यह तुम्हारी दीदी हैं और तुम परेशान मत हो तुम चाहो तो अपने मम्मी और पापा से बात करके पूछ सकती हो तुम्हारे पापा से मेरी बात हो चुकी है वह मुझे अच्छे से जानते हैं और हम हर महीने वृंदावन में मिला करते हैं इस पर लड़की ने उनका नाम पूछा तो उस पुरुष ने अपना नाम बिहारीलाल बताया और लड़की को तसल्ली हो चुकी थी क्योंकि उसके पिता हर महीने वृंदावन को जाया करते थे ऐसे में उसे यकीन हो गया था कि निश्चित रूप से यह पिताजी के ही कोई मित्र होंगे जो मदद के लिए आए हैं लड़की ने फिर भी अपने माता पता को फोन करना उचित समझा और उसने अपने पिता को फोन करना शुरू किया प र नेटवर्क  की  असुविधा की वजह से ना तो उसकी माता का फोन और ना ही उसके पिता का फोन कनेक्ट हुआ वह काफी देर कोशिश करने के बाद उनके साथ जाने के लिए राजी हो गई

जल्दी-जल्दी में उसने अपना सामान पैक करा और गाड़ी में जाकर बैठ गई पीछे की सीट पर बैठते ही उसे नींद आ गई और लगभग 7 घंटे बाद जब उसको साथ में बैठी स्त्री ने उठाया तो उसने खुद को अपने घर के सामने वाली गली में पाया।उसने जल्दी जल्दी अपना बैग उठाया और उनको धन्यवाद दिया इस पर उस आदमी ने कहा कि पापा को बोलना कि वृंदावन में मिलेगे और वो चले गए ।

लड़की घर के सामने ही पहुंची थी कि उसका फोन बजने लगा उसने फोन उठाया तो उधर से मा कि आवाज अाई की कहा हो तुम तुम्हारा फोन भी बन्द है और मकानमालिक ने बताया कि तुम घर पर नहीं हो उसने कहा मा आप गेट खोलिए मा और पिता दोनों आवक होकर देख रहे थे लड़की ने बताया कि पापा आपके दोस्त मुझे यहां तक छोड़ कर गए है उनके साथ एक लेडी भी थी पिता ने पूछा की कौन दोस्त क्या नाम था लड़की ने बताया कि वह दिखने में बहुत सुंदर और उनका नाम बिहारी लाल था उनने कहा था कि आप उन्हें वृंदावन में मिले हो कई बार उसके माता पिता दोनों ही अपने कान्हा के नाम को लेकर रोने लगे ।😍😍😍😍🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

ये उनका विश्वास था जो उनकी बच्ची आज सुरक्षित घर पर है हम बस भाव से नहीं बुलाते नहीं तो ऐसा नहीं कि भगवान नहीं आते। राधे श्याम 







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