". Our country ....some interesting fact

Our country ....some interesting fact



हमारा देश किस्से-कहानियों का देश है. हर काल और युग की सैकड़ों कालजयी कहानियां हमने अपनी दादी, नानी, पापा, मां और रिश्तेदारों से सुनी हैं. कुछ रहस्यमयी किस्से और कहानियां आज भी हमारे जेहन में सालों बाद भी जिंदा हैं. पढ़िए देश के धार्मिक स्थलों से जुड़ी वो हैरान कर देने वाली कहानियां, जिन्हें सुनकर शायद आपको भरोसा न हो:

1. न काटने वाले बिच्छू:
उत्तर प्रदेश के अमरोहा में 13वीं सदी के सूफी संत सैयद हुसैन शर्फुद्दीन शाह विलायत नकवी की मज़ार मौजूद है. माना जाता है कि वो उत्तर भारत के पहले उर्दू कवि थे. उनकी मज़ार के पास कई जहरीले बिच्छू मौजूद रहते हैं लेकिन उन्होंने आजतक आने वाले किसी अनुयायी या भक्त को नुकसान नहीं पहुंचाया. श्रद्धालुओं को एक निश्चित समय के लिए उन बिच्छुओं को घर ले जाने की इजाज़त है लेकिन तय समय के बाद उन्हें वापस मज़ार पर नहीं छोड़ा जाता तो वो इंसानों पर हमला कर देते हैं.

2. हम्पी के संगीतमय खम्बे:
हम्पी में भगवान विष्णु के अवतार विठ्ठल जी का विशाल मंदिर है. 56 खम्बों वाला ये मंदिर पुरातन काल की शिल्प-कला का एक जीता-जागता खूबसूरत नूमना है. इसकी खूबसूरती से अलग एक जादुई बात मंदिर को बेहद खास बनाती है. ऐसा कहा जाता है कि यहां मौजूद 56 खम्बों पर अगर हल्की चोट की जाए तो संगीत की सात ध्वनियां निकलती हैं. इसके चलते इन्हें सारेगामा पिलर्स भी कहा जाता है. गुलामी भारत में जब अंग्रेजों को ये बात पता चली तो इस रहस्य को जानने के लिए दो खम्बों को काटकर देखा लेकिन सिर्फ खोखले दिखाई दिए. आज भी इन दोनों कटे हुए खम्बों को देखा जा सकता है.

3. करिश्माई पत्थर:
पुणे में हज़रत कमर अली दरवेश की एक चर्चित दरगाह है. हजारों श्रद्धालु अपनी मन्नतों के साथ वहां सदके लिए वहां जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि वहां एक करिश्माई पत्थर है, जिसे एक बार में स‌िर्फ 11 लोग ही उठा सकते हैं. अगर 11 से ज़्यादा या कम लोग ऐसा करने की कोशिश करते हैं तो वो पत्थर नहीं उठता है. हैरान कर देने वाली बात है कि जब 11 लोग उसे उठाने की कोशिश करते हैं तो उसके वज़न का बिल्कुल एहसास नहीं होता है. ऐसा करते हुए श्रद्धालु‌ एक स्वर में हज़रत कमर अली दरवेश को याद करते हैं. रोज़ाना सैकड़ों लोग इसे अजमाते हैं. इसके अलावा वहां एक ऐसी लैंप मौजूद है जो सालों से 24 घंटे जल रही है.

4. नंदी का बढ़ता आकार:
देशभर में भगवान शिव के कई करिश्माई मंदिर मौजूद हैं लेकिन आंध्र प्रदेश के कुरनूल में मौजूद यगंती मंदिर उनमें बेहद ख़ास है. ऐसी कहानी प्रचलित है कि वहां मौजूद पत्थर के नंदी बैल का आकार साल दर साल बढ़ता जा रहा है. इसके कारण मंदिर प्रशासन को वहां मौजूद एक खम्बे को भी हटाना पड़ा. वहां रहने वाले लोगों के मुताबिक पहले वो नंदी बैल की परिक्रमा करते थे लेकिन बढ़ते आकार के कारण अब वो संभव नहीं है.

6. मंदिर का सातवां दरवाज़ा:
तमिलनाडु में मौजूद प्राचीन मंदिर अनंतपद्मनाभ स्वामी को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं. वहां एक रहस्यमयी बड़ा दरवाज़ा मौजूद है और ऐसी मान्यता है‌ कि सिद्ध साधु ही गरुड़ मंत्र के ज़रिए इसे खोल सकता है. खैर इस दरवाज़े के पीछे का सच क्या है ये किसी को नहीं मालूम है. कुछ लोगों के मुताबिक दरवाज़े के पीछे से अरब सागर की आवाज़ सुनाई देती है जबकि कई लोगों का मानना है कि वो आवाज़ वहां मौजूद सांपों की है.

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