". Woman a root of querrel

Woman a root of querrel



बात उस समय की है जब सफर करने वालो कि भीड़ को लेकर  एक ट्रेन तेजी से आगे जा रही थी ,और वहीं कुछ ज्ञानी पुरुष अपना ज्ञान आसपास के लोगों को बिना मागे ही दे रहे थे,

मूंगफली के छिलकों को इधर उधर फेकते हुए।


इतिहास गवाह है" की अधिकतर समस्या की जड़ स्त्री ही रही हैं

उसकी बात पर  उसी की तरह समझदार लोगो ने सहमति जताई ।

हा.......... सौ टका सत्य💯

स्त्री हमेशा परेशानी की वजह रही  है। चाहे महाभारत हो या रामायण दोनों में स्त्री ही रही वजह ।

देखिए ना राम कितना परेशान हुए एक स्त्री की वजह से ,इतना कम नहीं था कि अचानक एक ओर महापुरुष का आगमन हुआ,

सही कहा आप लोगो ने।



उनकी बातो का सिलसिला चल ही रहा था ।

की एक साधारण सी स्त्री अपने छोटे से बच्चे को संभालती हुई बैठने के लिए जगह देखती हुई आगमन करती है।

उसकी इस

स्थिति से लग रहा था कि काफी परेशान,बीमार सी है पर उसका पूरा ध्यान अपने बच्चे के आराम पर था

उसके इस चिंता को देखकर ये लगा की ये वहीं व्यक्ति होगा आगे चलकर जो और पुरुषों से कहेगा की सारी समस्या की जड़ ये औरतें होती है,

बेचारी महिला।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।

सही कहा ,पर उस स्त्री का क्या जिसकी साथ राम वन वन घूमे

उस स्त्री का क्या जिसने अंत में खुद को अग्नि के हवाले कर दिया।

स्त्री सदैव मूर्ख ही बनी रही ,उस पुरुष के आगे जिसकी साथ उसके पर जीवन जोड़ दिया जाता है।

सच कहा स्त्री ही वजह है हर समस्या का,क्योंकि वह ही उन ज्ञानी पुरुषों को इस लोक में लाती है,को भविष्य में उन्हें ही समस्या बताते है,


स्त्री जितना मूर्ख कोई नहीं हो सकता सिर्फ एक ज्ञानी पुरुष को पैदा करने के लिए वो अपने प्राण और अपने शरीर की चमक तक खोने को तत्पर है।ताकि कल को यही पुरुष ये कह सके की स्त्रियां समस्या है


और उसी स्त्री के देह पर टिप्पणी कर सके,जिसने उनको ये काया देने के लिए अपना सब त्याग दिया ।


और कुछ ज्ञानी पुरुषों को लगता है कि महाभारत स्त्री कि वजह से हुई।बेशक ,


क्योंकि वह स्त्री भी मूर्ख थी जो ऐसे ज्ञानी पुरुषों के साथ में थी जिन्हें अपने लत के आगे अपनी स्त्री की मान मर्यादा की भी नहीं सोची 

पर समस्या स्त्री में है।


मै पुरुषों को कभी समस्या कि वजह नहीं कहती पर मैंने हमेशा पुरुषों के मुंह से सुना ,

यह जानकर भी की दोनों एक दूसरे के पूरक है फिर भी विरोधाभास.......................


एक स्त्री ही है जो आपको जीवनदान देकर इस संसार में लाती है।मा के रूप में स्त्री ही होती है जो अपनी संतान के लिए तमाम दुख झेल जाती है।

और एक स्त्री के रूप में मा ही है वो को आपको आगे बढता देख खुशी से रो देती है,








Post a Comment

0 Comments