". (मन )our unconscious mind

(मन )our unconscious mind

🐈🐈एक व्यक्ति को  बिल्लियां पालने का बड़ा शौक था, वह तरत तरह की नस्ल की बिल्लियां पालता था, और उन्हें बड़े अच्छे तरीके से रखता उनकी देखभाल करता।

 

एक दिन उसके घर में शादी का माहौल था,खाने पीने की तमाम चीजे रखी हुई थी।

वह कुछ काम से घर के बाहर होता है उसी समय रसोई में रखे सारे दूध को👉👉 बिल्लियां पी जाती है,जब वो आदमी आया तो उसके होश उड़ गए देखकर और उसने क्रोध में आकर बिल्लियों को मारना शुरू कर दिया,एक बिल्ली जो उसकी आक्रामक मार से मर जाती है,


उस व्यक्ति को अचानक होश आया तो उसे लगा कि ये क्या कर दिया मैंने ?

बात बस इतनी सी थी कि उसके मन की उन बिल्लियों से उम्मीद नहीं थी कि वो उसका बुरा करेगी।

पर इसमें बिल्लियों की कोई गलती नहीं ये तो उनका स्वभाव है।(दूध को पीना)

ठीक उसी तरह जिस तरह साप का स्वभाव काटना ।हम जानते है की ये उनका स्वभाव फिर भी हम उनसे उम्मीद करते है कि वो बदल जाय परंतु ये उतना ही मुश्किल है जितना दूध को पानी को अलग करना तो जब हम जान जाते है को कोई व्यक्ति हमे तकलीफ़ दे रहा बार बार और हम अपने मन को उस व्यक्ति के प्रति बदल नहीं पा रहे, तो ये आपकी गलती है ना कि इस व्यक्ति की।

क्योंकि जब हम खुद के मन को ये सहमत करा देते है मेरा कोई अस्तित्व नहीं बिना उस व्यक्ति के वो आपको और भी तकलीफ़ देने के लिए तत्पर रहेगा ।वह नहीं बदलेगा क्योंकि ये उसका स्वाभाव है,और तकलीफ़ सेहना आपका।


सारी जटिलताओं का समाधान है मन को बदलना

अपने मन के विचार को मजबूत करके देखे ना की किसी ऐसे व्यक्ति के हथोकी कठपुतली बने जो आपकी भावनाओं से खेले।


दुनिया में निस्वार्थ प्रेम सिर्फ आपको मा करेगी,








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