". मृत्युभोज एक कुप्रथा

मृत्युभोज एक कुप्रथा



भारत में, कई प्रकार की अजीबोगरीब प्रथाएं है। उन सभी में से कई प्रथाएं अनुपयोगी प्रतीत होती है। जो अब प्रथा की बजाए एक दिखावा बनी हुई है। ऐसी ही किसी प्रथा पर आपने प्रकाश डालते हुए उसके दुष्प्रभाव के बारे में बात करते है

कई प्रथाओं में से एक प्रथा का चयन करना उपयुक्त समझती हूँ, क्योंकि सभी को एक बार में व्याख्यान करना आसन नहीं है एक ऐसी ही कुरीति है जो भारत में विशेषकर फैली हुई है 


मृत्यु भोज -

जब किसी घर में किसी सदस्य की मौत हो जाती है तब वह परिवार अपने परिचित व रिश्तेदार को सामूहिक भोजन देता है, इसे मृत्यु भोज कहा जाता है। यह पहले की अपेक्षा विकृत हो गया है, जिसका कारण है दिखावा।

काफी समय पहले 

पहले जिस घर में किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती तो उस परिवार के परिचित व रिश्तेदार क्षमतानुसार अपने घरों से अनाज, राशन, फल, सब्जियां, दूध, दही मिष्ठान्न आदि लेकर मृतक के घर पहुंचते थे।लोगों द्वारा लाई गई उन खाद्य पदार्थों से भोजन कराया जाता था। उसमें पीड़ित परिवार को ढाढस बंधाया जाता था और सब सामूहिक खाना बनाकर पीड़ित परिवार को खिलाते थे। 

जबकि वर्तमान परिप्रेक्ष्य की बात की जाए तो सब पीड़ित परिवार को लूटने के प्रयास में होते हैं, कभी-कभी उस परिवार की क्षमता से अधिक खर्च करवा देते हैं, जिसके कारण मृत्यु भोज एक कलंक बनता जा रहा है।अब व्यक्ति मृत्यु भोज में भी ऐसे जाता है जैसे किसी निमंत्रण में ,और पर भर कर खाता भी है बिना हिचकिचाएं और शर्म करे, 

कभी कभी ऐसा लगता है कि जिस घर के सदस्य दुख से व्याकुल हो रहे होते है उनके विलाप को सुनकर भी कैसे किसी की मुख से भोजन उतर सकता है  हृदय को विचलित करने वाले उस रुदन को सुनकर कैसे कोई मुख से निवाला उतार सकता है


इसे खत्म करने के लिए मैं और आप सब एक पहल कर सकते हैं, हलांकि मैं तो काफी समय से ऐसा कर ही रही हूँ आप भी कर सकते हैं, जिससे इसे समाप्त किया जा सकता है अगर हम सब ऐसा करे तो। इसके लिये आपको भी मेरी तरह ऐसा ही करना है कि मृत्यु भोज मे शरीक ना हो। मै पीड़ित के परिजनों की भावनाओ का सम्मान करती है पर मेरा मन कभी भी ऐसे भोजन को हाथ लगाने के लिए अनुमति नहीं देता है जहां किसी अपने के बिछोह में कोई करुन क्रंदन कर रहा हो  तो ऐसे में जब कोई मृत्यु भोज ग्रहण ही नहीं करेगा तो प्रथा स्वतः ही समाप्त समझी जाएगी।







Post a Comment

0 Comments