". Victory of thoughts

Victory of thoughts



मन के हारे हार है

मन के जीते जीत

कभी कभी चीजे इतनी जटिल नहीं होती बस हम दूसरे तरीके से सोचना बन्द कर देते है और फिर हार मानकर बैठ जाते है,
मैंने पहले भी एक ब्लॉग में लिखा कि कोई ऐसी समस्या नहीं बनी जिसका समाधान नहीं हो बस कोशिश अच्छी हो,और करने का तरीका आप जब कहीं शादी विवाह में जाते है थे तो क्या पहनेंगे ये सोचना शुरू कर देते है और अगर कुछ अच्छा नहीं लगता था तो हम कुछ नया लेते है नया आजमाते है आपने कितने ही लोगो की मुंह से सुना होगा कि क्या हुए जो एक बार में इंटरव्यू में सफल नहीं हुए अगली बार हो जाओगे और आप कोशिश करते है,और तब तक करते है जब तक आपको आपकी मंजिल नहीं मिल जाती.देखने का नजरिया होना चाहिए 
,अब देखिए ना जैसे एक नदी में तैरने के नाम पर ही आप डर जाते हो क्योंकि आपको तैरना नहीं आता है और आप डरते है को कहीं डूब ना जाऊं।पर वही जिन्हें आता है वो नदी में नहाने का लुत्फ उठाते है तो नदी नहीं समस्या ,समस्या तो आपका तैर नहीं पाना है और आप फिर कोशिश करना छोड़ देते है
अगर अपने भी कोशिश की होती तो आप भी सीख जाते।पर अपने हार मान ली और अब आप नदी में तैरने के बस सपने देखते है।



एक समुद्री जीवविज्ञानी ने पानी से भरे एक बड़े टैंक में शार्क को डाला. कुछ देर बाद उसने उसमें कुछ चारा मछलियाँ डाल दी.

चारा मछलियों को देखते ही शार्क (

अब समुद्री जीवविज्ञानी ने एक कांच का मजबूत पारदर्शी टुकड़ा उस टैंक के बीचों-बीच डाल दिया. अब टैंक दो भागों में बंट चुका था. एक भाग में शार्क थी. दूसरे भाग में उसने कुछ चारा मछली डाल दी

विभाजक पारदर्शी कांच से शार्क चारा मछलि को देख सकती थी. चारा मछलियों के देख शार्क फिर से उन पर हमला करने के लिए उस ओर तैरी. लेकिन कांच के विभाजक टुकड़े से टकरा कर रह गई. उसने फिर से कोशिश की. लेकिन कांच के टुकड़े के कारण वह चारा मछलियों तक नहीं पहुँच सकी.

शार्क ने दर्जनों बार पूरी आक्रामकता के साथ चारा मछलियों पर हमला करने की कोशिश की. लेकिन बीच में कांच का टुकड़ा आ जाने के कारण वह असफल रही. कई दिनों तक शार्क उन कांच के विभाजक के पार जाने का प्रयास करती रही. लेकिन सफल न हो सकी. अंततः थक-हारकर उसने एक दिन हमला करना छोड़ दिया और टैंक के अपने भाग में रहने लगी.

कुछ दिनों बाद समुद्री जीवविज्ञानी ने टैंक से वह कांच का विभाजक हटा दिया. लेकिन शार्क ने कभी उन चारा मछलियों पर हमला नहीं किया क्योंकि एक काल्पनिक विभाजक उसने दिमाग में बस चुका था और उसने सोच लिया था कि वह उसे पार नहीं कर सकती.

अर्थ यही है की..............

जीवन में असफ़लता का सामना करते-करते कई बार हम अंदर से टूट जाते हैं और हार मान लेते हैं. हम सोच लेते हैं कि अब चाहे कितनी भी कोशिश कर लें, सफ़लता हासिल करना नामुमकिन है और उसके बाद हम कभी कोशिश ही नहीं करते. जबकि सफ़लता प्राप्ति के लिए अनवरत प्रयास आवश्यक है. परिस्तियाँ परिस्थितियाँ बदलती रहती हैं. इसलिये अतीत की असफ़लता को दिमाग पर हावी न होने दें और पूरी लगन से फिर मेहनत करें. सफलता आपके कदम चूमेगी.

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